उमरिया । उप संचालक कृषि विभाग खेलावन डेहरिया ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2023 मौसम के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की गई है, जिसकी प्रति सरकार की वेब साईट http://govtpressmp-nic-in@history/gazette&eÛtra&2023.html पर उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल बीमा करवाया जाना पूर्णतया स्वैच्छिक है, किंतु ऋणी कृषकों को योजना से पृथक रहने के लिये बीमांकन की अंतिम तिथि से 7 दिवस पूर्व (खरीफ हेतु 24 जुलाई) Opt Out का घोषणा-पत्र भरकर संबंधित बैंक शाखा को देना होगा. अन्यथा उनको योजना में सम्मिलित माना जावेगा और ऐसे किसानों का बीमा बैंकों द्वारा अनिवार्य रूप से किया जायेगा ।
अऋणी कृषकों का बीमा स्वैच्छिक आधार पर किया जायेगा। प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत, बीमा आवरण हेतु अधिसूचना में दर्शाये अनुसार जिलेवार / तहसीलवार / पटवार हल्कावार सूचीनुसार, अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल उगाने वाले कृषक ही इस योजनान्तर्गत बीमा कराने के लिए पात्र होंगे। बैंक / वित्तीय संस्थायें समस्त बीमित कृषकों का विवरण भारत सरकार द्वारा संचालित web portal- http://pmfby.gov.in/ पर खरीफ हेतु कृषकों के बीमांकन की अंतिम तिथि के 15 दिवस के अंदर एंट्री अपलोड करेंगे व प्रीमियम भेजना सुनिश्चित करें, उक्त पोर्टल के अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार से संधारित आंकडे स्वीकार्य नहीं होगे।
बीमा करने की विधि- वित्तीय संस्थायें पोर्टल पर की गयी एंट्री के अनुसार गणनित की गयी। प्रीमियम राशि को भारत सरकार के पोर्टल http://pmfby.gov.in/ पर जाकर वांछित जानकारी भरकर एवं पोर्टल पर गणनित की गयी प्रीमियम राशि को पेय गर्वरमेंट के माध्यम से प्रेषित करें।
ऋणी कृषक बैंक शाखा/सहकारी समितियों द्वारा जिन कृषकों के लिए ऋण सीमा स्वीकृत / नवीकृत तथा ऋण वितरित खरीफ हेतु 31 जुलाई तक किया गया हो का बीमा करना अनिवार्य होगा. यदि किसान ने योजना से पृथक रहने ओपीटी आउट का घोषणा-पत्र न दिया हो।
जिलेवार अधिसूचित फसलवार प्रति हेक्टेयर बीमित राशि का विवरण संलग्न है। कृषक के अधिसूचित फसलवार घोषित रकवे को बीमित राशि से गुणांक कर संबन्धित कृषक की कुल फसलवार बीमित राशि निर्धारित की जायेगी एवं खरीफ मौसम हेतु कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि की गणना की आयेगी (कपास फसल हेतु 5 प्रतिषत या वास्तविक प्रीमियम दर जो भी कम हो)। कृषक की सभी बीमित फसलों हेतु कुल देय प्रीमियम राशि उनके ऋण खाते से अनिवार्य रूप से नाम करनी होगी।
गैर ऋणी कृषक (स्वेच्छिक आधार पर) ऐसे सभी गैर ऋणी कृषक, जिनका बैंक में बचत खाता है, वो किसान निम्नांकित दस्तावेजों के साथ अपने निकटतम सीएससी केन्द्र ( सीएससी सेंटर), बैंक (केन्द्रीय सहकारी बैंक/ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं (जहां किसान का बचत खाता है) या बीमा कम्पनी के अधिकृत बीमा एजेन्ट अथवा प्राधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से एवं भारत सरकार के पोर्टल http://pmfby.gov.in/ पर किसान स्वयं अधिसूचित फसलों का बीमा निर्धारित अंतिम तिथि तक या उसके पूर्व तक करा सकेंगे। निम्न दस्तावेज ऑनलाईन स्कैन कर अपलोड करना होगा।
घोषणा-पत्र (जिसमें किसान की समस्त व्यक्तिगत एवं फसल की जानकारी हो)। आधार कार्ड की प्रति। जमीन बंटाई का शपथ पत्र (बटाईदार होने पर) । नवीनतम भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका की प्रति। बैंक खाते की पास बुक की प्रति या खाते के कैंसिल चेक जिसमें आईएफएससी कोड व खाता संख्या अंकित हो । कृषि या राजस्व विभाग के कार्मिकों द्वारा जारी किया गया बुवाई प्रमाण पत्र । योजना के सुचारू रूप से संचालन के लिये बैंक, उन अऋणी किसानों का बीमा करें, जिनके सेविंग बैंक खाता आपकी बैंक शाखा में हो। कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि का 4ः बैंक सर्विस चार्ज बीमांकन का कार्य पूर्ण होने के पश्चात बैंकों को देय होगा। योजनानुसार किसानों को देय दावा राशि डीवीटी के माध्यम से की जायेगी। अधिसूचनानुसार विभिन्न कार्यों हेतु समय-सीमा का निर्धारण किया गया है। कृषको के खाते मे प्रीमियम नामे किए जाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, ऋणी कृषको द्वारा बीमित फसल में परिवर्तन की सूचना वित्तीय संस्थान को देने की अंतिम तिथि 29 जुलाई, ऋणी कृषकों द्वारा योजना से बाहर निकलने संबंधी लिखित सहमति प्रदान करने की अंतिम तिथि बीमांकन अंतिम तिथि से सात दिवस पूर्व तक तथा बैंकों द्वारा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर बीमांकन एवं दिए जाने इंटफेस पेय गर्वरमेंट के माध्यम से प्रीमियम की अंतिम तिथि 16 अगस्त निर्धारित की गई है।
आवरित जोखिम (दावा विकल्प)
बाधित बुआई/रोपण/ अंकुरण जोखिमरू बीमांकन क्षेत्र में कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमी दशाओं के कारण बुआई/रोपण/अंकुरण क्रिया न होने एवं होने वाली हानि से सुरक्षा प्रदान करेगा ।खड़ी फसल (बुआई से लेकर कटाई तक ) गैर बाधित जोखिमों यथा सूखे, लंबी शुष्क कीट व रोग, बाद, जलभराव, भू-स्खलन, प्राकृतिक अग्नि दुर्घटनाओं और नाभिकीय और आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात के कारण फसल को होने वाले नुकसान की सुरक्षा के लिए वृहत जोखिम बीमा दिया जाता है। फसल कटाई उपरांत फसल कटाई से अधिकतम 14 दिनों की अवधि तक खेत में सुखाने हेतु फसल कटी य फैली हुई स्थिति में चक्रवात / चक्रवाती वर्षा, ओलावृष्टि एवं बेगौसग बारिश के कारण हुए फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति
स्थानीय अपदाऐं अधिसूचित क्षेत्र में पृथक कृषि भूमि को प्रभावित करने वाली ओलावृष्टि, भू- स्खलन और जलभराव, बादल फटना, आकाशीय बिजली कड़कने से प्राकृतिक आग के अभिचिन्हित स्थानीयकृत जोखिमों से होने वाले नुकसान / क्षति। . उपरोक्त विकल्पों के अंतर्गत आपदा के कारण फसलों को नुकसान होने के पूर्व ही किसानों के खाते से प्रीमियम नामे हो जाना चाहिए। बुआई अवधि खरीफ फसल हेतु 20 जून से 7 अगस्त तक फसल कटाई की अवधि 15 सितम्बर से 30 नवम्बर (तुअर व कपास को छोड़कर)। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत निर्धारित बीमांकन पोर्टल ( छब्प्च् ) को भू-अभिलेख से जोड़ा गया है। पंजीयन के समय कृषक की भूमि धारिता संबंधी जानकारी भू-अभिलेख के आधार पर पोर्टल में उपलब्ध होगी, जिसमें बीमांकन के समय संगत खसरा नं. का चयन कर किसान की धारित भूमि का बीमा किया जा सकेगा। अतः बैंक किसानों के खसरे की जानकारी अपडेट कर ले। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अनुसार यदि बैंक द्वारा किसानों की फसलों का बीमांकन के दौरान कोई त्रुटि की जाती है और किसान दावे से वंचित हो जाता है, तो योजना के प्रावधान के अनुसार किसान को मिलने वाले बीमा क्लेम का सम्पूर्ण दायित्व संबंधित बैंक का होगा।
बीमांकन के पश्चात, यदि आपके क्षेत्र में स्थानीय आधार पर उपरोक्त में से कोई आपदा घटित होती है और बीमित किसान आपकी बैंक में शिकायत करता है, तो किसान की व्यक्तिगत एवं बीमांकन की समस्त जानकारी (दूरभाष ई मेल, पत्र आदि के माध्यम से सॉफ्ट हार्ड कापी एवं हमारे टोल फ्री नंबर 18002337115 पर सूचित करे । आपदा घटित होने के 72 घंटो के अंदर हमारे कार्यालय को उपलब्ध करानी होगी, तत्पश्चात् प्राप्त होने पर शिकायत स्वीकार नहीं की जायेगी, जिसकी समस्त जिम्मेदारी बैंक की होगी। अधिसूचित क्षेत्रीय आधार पर विपदा आने पर जिला प्रशासन द्वारा अधिसूचना जारी की जावेगी। इसके लिये किसानों को अलग से शिकायत करने की आवश्यकता नहीं है।
समस्त वित्तीय संस्थाओं से अनुरोध है कि वो संदर्भित अधिसूचना / प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का गहनता से अध्ययन करें एवं योजना की नियम / शर्तों, वित्तीय संस्थाओं के दायित्व का पालन करें ।
समस्त पात्र कृषकों के बीमा आच्छादन एवं योजना के सुगम और सफल संचालन हेतु आपका सक्रिय सहयोग अपेक्षित है।