संसद: दिल्ली हिंसा पर होली बाद ही होगी चर्चा, सरकार के प्रस्ताव पर विपक्ष का हंगामा - DIGITAL MIRROR

ADVERTISMENT

BREAKING

संसद: दिल्ली हिंसा पर होली बाद ही होगी चर्चा, सरकार के प्रस्ताव पर विपक्ष का हंगामा


 

दिल्ली हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों में तीसरे दिन भी सियासी संग्राम जारी रहा। एक तरफ जहां सरकार होली बाद इस मुद्दे पर दोनों सदनों में चर्चा के लिए तैयार है वहीं विपक्ष अभी चर्चा कराना चाहता है। बुधवार को दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही स्थगित करनी पड़ी। बार बार हो रहे हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। हालांकि लोकसभा में हंगामे के बीच ‘प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक 2020’ पारित कर दिया गया।
 

लोकसभा में सरकार बोली- होली के बाद चर्चा को तैयार
लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर जल्द ही चर्चा कराने तथा सरकार से जवाब की मांग कर रहे कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी सदस्यों के भारी शोर-शराबे के कारण बुधवार को प्रश्नकाल नहीं चल सका। हंगामे के कारण पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने कार्यवाही सुबह शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से ही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल सदन में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं। बहरहाल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को सदन में कहा कि सरकार सामान्य स्थिति बहाल होने पर होली के बाद दिल्ली की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर चर्चा कराने को तैयार है और अभी (विपक्ष) सदन की कार्यवाही चलने देनी चाहिए।

जोशी ने कहा कि सरकार 11 मार्च को लोकसभा में और 12 मार्च को राज्यसभा में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक दायित्व हैं और विधेयक पारित करना है। जोशी ने कहा कि हम चर्चा को तैयार हैं लेकिन विपक्ष सदन नहीं चलने देना चाहता।

इससे पहले, आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सहित विपक्षी दल दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करने लगे। कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे। उनके हाथों में तख्तियां थी, जिन पर लिखा था कि 'अमित शाह इस्तीफा दो।' कांग्रेस सदस्य ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ के नारे भी लगा रहे थे।

इस बीच, पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने शोर-शराबा करने वाले सदस्यों से अपने स्थान पर जाने तथा कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने इस दौरान दो प्रश्न भी लिये। शोर-शराबा थमता नहीं देख पीठासीन सभापति सोलंकी ने कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 12 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू की गई लेकिन हंगामें को देखते हुए दो बजे तक के लिए निलंबित कर दी गई.


राज्यसभा में गतिरोध कायम, तीसरे दिन भी कार्यवाही रही बाधित



दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे पर जल्दी चर्चा कराने की मांग कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक बुधवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद घोषणा की कि उन्हें 267 के तहत कुछ नोटिस मिले हैं और वह इस संबंध में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ मिलेंगे और तय करेंगे कि किस नियम के तहत इस मुद्दे पर चर्चा हो। उन्होंने होली के बाद इस पर चर्चा कराने की बात की।

इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। तृणमूल के कुछ सदस्य आसन के पास भी आ गए। नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने और सदन चलने देने की अपील की। लेकिन सदस्यों का हंगामा जारी रहा। उन्होंने कहा कि शून्यकाल के तहत कुल 16 मुद्दे स्वीकार किए गए हैं जिनमें कोरोना वायरस जैसे अहम मुद्दे भी हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ सदस्य नहीं चाहते कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले। इसके बाद उन्होंने 11 बजकर करीब 10 मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सदन ने अपने पूर्व सदस्य भद्रेश्वर बरगोंहाइ को श्रद्धांजलि दी। उनका पिछले दिनों निधन हो गया था।



Pages