जबलपुर-
राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर 18 सितम्बर को आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा के संबंध में आज वनमंत्री श्री कुंवर विजय शाह की अध्यक्षता कलेक्टर सभागार में बैठक आयोजित की गई। इस दौरान कमिश्नर श्री बी चंद्रशेखर, आईजी श्री उमेश जोगा, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी., नगर निगम कमिश्नर श्री आशीष वशिष्ठ, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. सलोनी सिडाना, अपर कलेक्टर श्री शेर सिंह मीणा व विमलेश सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी व पदाधिकारी श्री जीएस ठाकुर, श्री महेश कुमार वट्टी व छात्र नेता उपस्थित थे।
बैठक में वनमंत्री श्री शाह ने कहा कि शंकर शाह, रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस में महामहिम उपराष्ट्रपति, राज्यपाल व मुख्यमंत्री शामिल हो रहे हैं। अत: कार्यक्रम भव्य व गरिमापूर्ण हो, कार्यक्रम को सरकार की योजनाओं से लाभान्वित जनजातीय हितग्राहियों पर विशेष फोकस करें, साथ ही मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में जनजातीय हितों के लिए किये गये कार्यों का प्रस्तुतीकरण हो। इस कार्यक्रम में सामाजिक, शैक्षणिक व स्वयंसेवी संगठनों को भी जोड़कर सामाजिक सहभागिता की परंपरा भी रखें। जनजातियों के उत्थान व कल्याण के लिए किये गये कार्यों को रेखांकित किया जाये। जनजातीय नायकों का सम्मान के साथ नीट, जेईई में उत्कृष्ट अंक प्राप्त बच्चों का सम्मान तथा विदेशों में अध्ययनरत तथा अध्ययन उपरांत आजीविका से जुड़े लोगों का सरकार से सहयोग की अभिव्यक्ति, जनजातीय प्रदर्शनी, आदिवासी क्षेत्र में स्वसहायता समूह व उनकी उत्पादकता, सिकल सेल एनीमिया से बचाव, जनजातीय साहित्य का विमोचन व सम्मान आदि विषयों पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा। श्री शाह ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत ट्राइबल हॉस्टल में अच्छा स्वसहायता समूहों को भोजन पकाने का काम देने पर भी विचार करने को कहा।
साथ ही अंत्येष्टी सहायता, विदेश अध्ययन सहायता, मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई में हिन्दी में करने के प्रस्तुतीकरण पर जोर दिया गया। इस दौरान बताया गया कि जबलपुर में 100 करोड़ से कल्चरल इन्फार्मेशन सेंटर को सांस्कृतिक संरक्षण केन्द्र के रूप में लाने व उसके नामकरण के सुझाव भी दिये गये। इसके साथ ही आदिवासी बालक-बालिकाओं के छात्रावास भवनों के नवीनीकरण तथा नवीन भवनों के संबंध में चर्चा कर जनजातीय समस्याओं को जाना और उसके निराकरण करने को कहा। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम सकारात्मक वातावरण में संपन्न हो इसके लिए सभी आवश्यक उपाय कर कार्यक्रम को भव्य व गरिमामय बनायें।