मंत्रि-परिषद की बैठक के बाद हुआ पीएम गतिशक्ति पर
प्रस्तुतिकरण
जबलपुर-
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पीएम गतिशक्ति, परियोजनाओं
के क्रियान्वयन का वैज्ञानिक तरीका है। पीएम गतिशक्ति के लागू होने के बाद विभिन्न
अधो-संरचना परियोजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं और विलंब में कमी
आएगी। इससे समय की बचत के साथ संसाधनों का मितव्ययी उपयोग संभव होगा। परियोजनाओं
को पूर्ण करने में अधिक समय नहीं लगने से लागत भी नहीं बढ़ेगी और भारत मजबूत आर्थिक
शक्ति के रूप में तेजी से उभरेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रि-परिषद की बैठक के
बाद मंत्रीगण के सम्मुख हुए पीएम गतिशक्ति योजना के प्रस्तुतिकरण के बिन्दुओं पर
मंत्रीगण को संबोधित कर रहे थे। प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि पीएम गतिशक्ति
योजना में अधो-संरचना परियोजनाओं से संबंधित केन्द्र सरकार के 16 मंत्रालय तथा
राज्य सरकारों को शामिल किया गया है। डिजिटल प्लेटफार्म इस योजना का आधार है।
विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालय तथा राज्य सरकारें आवश्यक जानकारियाँ इस डिजिटल पोर्टल
पर उपलब्ध करा रहे हैं। पीएम गतिशक्ति से हर विभाग की गतिविधियों से दूसरे विभाग
को अवगत कराना, परियोजनाओं की प्राथमिकताएँ निर्धारित करना, समय और लागत
के संदर्भ में श्रेष्ठतम मार्ग का चयन, सभी विभागों के समन्वित तरीके
से काम करने और अधो-संरचना परियोजनाओं का जीवंत अपडेट सरलता से संभव होगा।
पीएम गतिशक्ति योजना में कृषि, ऊर्जा, जल संसाधन, उद्योग, नगरीय
प्रशासन, सड़क और परिवहन से जुड़े विभागों की महत्वपूर्ण
भूमिका होगी। प्रदेश में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक हो चुकी
है। तकनीकी विशेषज्ञों की समिति की भी व्यवस्था है। प्रदेश में पीएम गतिशक्ति
योजना का क्रियान्वयन औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा किया
जाएगा। प्रदेश में गतिशक्ति कॉन्फ्रेंस प्रस्तावित है। मंत्रि-परिषद की बैठक के
बाद मुख्य सचिव कॉन्फ्रेंस में स्कूल शिक्षा तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपेक्षित बिन्दुओं पर प्रस्तुतिकरण भी
हुआ।