सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान 19 दिसंबर को ठाकुरगंज, कैसरबाग थानाक्षेत्रों में आगजनी, तोड़फोड़ से हुए 69.48 लाख के नुकसान की भरपाई 16 उपद्रवियों से होगी। पहले एडीएम सिटी पश्चिम और फिर एडीएम टीजी कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद मंगलवार को अंतिम निस्तारण करते हुए एडीएम टीजी कोर्ट ने रिकवरी का आदेश जारी किया।
एडीएम टीजी वीबी मिश्रा ने बताया कि 10 आरोपियों के मामले ठाकुरगंज और छह के कैसरबाग थानाक्षेत्र से जुड़े हैं। आरोपियों को चार अप्रैल तक रकम कलेक्ट्रेट कोषागार में जमा करानी होगी। तय मियाद में ऐसा न करने पर अचल संपत्तियों की कुर्की कर भरपाई की जाएगी।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा के दौरान इससे पहले एडीएम टीजी कोर्ट द्वारा खदरा इलाके में पुलिस चौकी फूंकने के साथ तोड़फोड़ व आगजनी के मामले में 13 उपद्रवियों को दोषी मानते हुए हिंसा में हुए 21.76 लाख के नुकसान की भरपाई और एडीएम सिटी पूर्वी केपी सिंह की कोर्ट से 24 आरोपियों से 69.95 लाख की धनराशि की रिकवरी का नोटिस जारी किया जा चुका है।
एडीएम टीजी वीबी मिश्रा ने बताया कि 10 आरोपियों के मामले ठाकुरगंज और छह के कैसरबाग थानाक्षेत्र से जुड़े हैं। आरोपियों को चार अप्रैल तक रकम कलेक्ट्रेट कोषागार में जमा करानी होगी। तय मियाद में ऐसा न करने पर अचल संपत्तियों की कुर्की कर भरपाई की जाएगी।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा के दौरान इससे पहले एडीएम टीजी कोर्ट द्वारा खदरा इलाके में पुलिस चौकी फूंकने के साथ तोड़फोड़ व आगजनी के मामले में 13 उपद्रवियों को दोषी मानते हुए हिंसा में हुए 21.76 लाख के नुकसान की भरपाई और एडीएम सिटी पूर्वी केपी सिंह की कोर्ट से 24 आरोपियों से 69.95 लाख की धनराशि की रिकवरी का नोटिस जारी किया जा चुका है।
पुलिस चौकी में आगजनी कर फूंके थे वाहन
19 दिसंबर को भीड़ ने ठाकुरगंज व कैसरबाग में तोड़फोड़ व आगजनी की थी। इसकी चपेट में पुलिस चौकी सहित दर्जनों वाहन व अन्य सरकारी व निजी संपत्ति आई थी। ठाकुरगंज में 45.65 लाख की सरकारी, 22.08 लाख की निजी और कैसरबाग में 1.45 लाख की सरकारी व 30 हजार की निजी संपत्ति कुल 69.48 लाख के नुकसान का आकलन किया था।
एडीएम सिटी पश्चिम कोर्ट ने दिसंबर 2019 में 29 को नोटिस भेजकर लिखित जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान 13 आरोपी साक्ष्य से यह साबित करने में सफल रहे कि वह उपद्रव व हिंसा में शामिल नहीं थे।
एडीएम सिटी पश्चिम कोर्ट ने दिसंबर 2019 में 29 को नोटिस भेजकर लिखित जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान 13 आरोपी साक्ष्य से यह साबित करने में सफल रहे कि वह उपद्रव व हिंसा में शामिल नहीं थे।