पंजाब विसः रिपोर्ट में खुलासा- 'पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब' योजना से टीचरों पर बढ़ा काम का बोझ - DIGITAL MIRROR

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पंजाब विसः रिपोर्ट में खुलासा- 'पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब' योजना से टीचरों पर बढ़ा काम का बोझ


पंजाब सरकार की 'पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब योजना' ने अध्यापकों पर बोझ बढ़ा दिया है। यह खुलासा विधानसभा की बजट अनुमान कमेटी ने 2019-20 की शिक्षा विभाग संबंधी अपनी रिपोर्ट में किया है। टीचरों को नियमित सिलेबस के अलावा अब कई अन्य विषय भी पढ़ाने पड़ रहे हैं।


 

कमेटी ने स्कूलों में मिड-डे मील तैयार करने वाले कुक कम-हेल्परों को बहुत कम मेहनताना दिए जाने पर भी चिंता जताते हुए सरकार से सिफारिश की है कि हरियाणा की तर्ज पर इनका मेहनताना बढ़ाया जाए। कमेटी ने हैरानी जताई है कि स्कूलों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम तो लगा दिए गए हैं, लेकिन कई स्कूलों में बिजली की व्यवस्था ही नहीं है।

मंगलवार को विधानसभा में विधायक हरदयाल सिंह कंबोज के नेतृत्व वाली कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षा विभाग को पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब योजना के लिए अलग से वालंटियरों की नियुक्ति करनी चाहिए।



सिलेबस के अलावा कई अन्य विषय पढ़ाने पड़ रहे


कमेटी ने कहा कि अध्यापकों को बेसिक सिलेबस के अलावा कई अन्य विषय पढ़ाने पड़ रहे हैं। कमेटी ने सिफारिश की कि योजना को नर्सरी क्लास से ही लागू किया जाए और प्रत्येक प्राइमरी स्कूल में आंगनबाड़ी बच्चों के लिए एक अलग तौर पर कमरा हो, जहां बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा सके।

कमेटी ने स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए मिड-डे मील तैयार करने वाले कुक-कम-हेल्परों के पारिश्रमिक को लेकर गहरी चिंता जताई है। कमेटी ने पाया कि इन्हें 1700 रुपये मासिक दिए जाते हैं और वह भी साल में केवल 10 महीने।

इस संबंध में शिक्षा विभाग ने बताया था कि मिड-डे मील केंद्र की योजना है, जिसके लिए केंद्र और राज्य सरकार 60:40 के अनुपात में खर्च वहन करती हैं। इस तरह कुक-कम-हेल्पर को मिलने वाला मासिक मेहनताना (600 रुपये केंद्र सरकार और 400 रुपये राज्य सरकार के अलावा राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त 700 रुपये) कुल 1700 रुपये दिया जा रहा है।

शिक्षा विभाग ने कमेटी को बताया कि कुक-कम-हेल्परों का मेहताना 3000 रुपये करने के लिए वित्त विभाग को 24 सिंतबर, 2019 को पत्र लिखा गया था, जिस पर अब तक कोई जवाब नहीं आया है।



कमेटी ने की ये सभी सिफारिशें


बजट अनुमान कमेटी ने वित्त विभाग से सिफारिश की है कि वह शिक्षा विभाग के पत्र पर जल्द फैसला ले। कमेटी ने यह भी कहा कि इनको पूरे 12 महीने वेतन दिया जाए, भले ही स्कूलों में दो माह छुट्टियों के होते हैं। कमेटी ने पाया कि गांवों के कई सरकारी स्कूलों से मिड-डे मील संबंधी गैस सिलेंडर चोरी हो जाते हैं।

इस चोरी को रोकने के लिए कमेटी ने स्कूलों में चौकीदार और अन्य आवश्यक स्टाफ नियुक्त करने की सिफारिश की है। कमेटी ने यह भी सिफारिश की है कि ऐसे स्कूल जहां बायोमीट्रिक मशीनें लगाई जा चुकी हैं लेकिन बिजली की सुविधा नहीं है, वहां बिजली के बिलों के भुगतान के लिए शिक्षा विभाग बजट में व्यवस्था करे और बिजली सुविधा को यकीनी बनाए। शिक्षा विभाग ने कमेटी को जानकारी दी थी कि सूबे के 950 सरकारी स्कूलों में बायोमीट्रिक मशीनें लगाई गई हैं।


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